युवराज सिंह, भारतीय क्रिकेट टीम का एक ऐसा जगमगाता सितारा जो अब पूरी तरह बुझ गया है। और इसकी वजह कौन है ? पता नहीं। लेकिन हाल ही युवराज सिंह ने एक बयान ने सभी फ़ैंस को चौका दिया है। जी हां क्या है युवी का वो बयान जिसमे उन्होंने भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली और उप कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर बड़ा इल्जाम लगा दिया है।
अपने संन्यास फैसले के करीब 9 महीने बाद युवी ने अपने दिल में छुपी बातों को जनता और फैंस के सामने जाहिर किया है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली से वैसा सपोर्ट नहीं मिला जैसा दादा यानी सौरव गांगुली किया करते थे। लेकिन सोचने वाली बात है कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इण्डिया ने 2007 का टी20 वर्ल्ड कप और 2011 का वनडे वर्ल्ड कप जीता है। और ये बात भी चकित करती है कि इन दोनों टूर्नामेंट्स में युवराज सिंह का अच्छा खासा योगदान रोल था।
बता दें की भारतीय टीम के पूर्व धाकड़ आलराउंडर युवराज सिंह पिछले साल वर्ल्ड विश्व कप के समय में संन्यास का ऐलान कर चुके थे। तब से लेकर अब तक युवी लगातार अपने खेल ना पाने का अपना दर्द रोते आ रहे है। और अब 9 महीनो के बाद उनके दर्द ने झलकना शुरू कर दिया और इसी वजह से पहली बार उन्होंने विराट और धोनी को कही न कही अपना गुनेहगार भी माना।
जैसा कि आप जानते है साल 2000 में युवराज सिंह ने चैंपियंस ट्रॉफी से अपना करियर शुरू किया था और समय भारतीय टीम के कप्तान मौजूदा बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली थे। तब से लेकर युवराज सिंह ने राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, गौतम गंभीर, एमएस धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में खेलना जारी रखा।
गांगुली के साथ ज्यादा यादें जुड़ी हैं
लेकिन शानदार बल्लेबाज युवराज सिंह गांगुली को आज भी सबसे पहले और सबसे ऊपर रखते है। उन्होंने कि जब तक मैंने उनकी कप्तानी में खेलना शुरू किया है। उन्होंने ने हमेशा मुझे सपोर्ट किया है। मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। फिर धोनी माही ने टीम की कमान संभाली।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक युवी ने कहा है कि “फिर भी महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली के बीच में बेहतर कप्तान चुनना मुश्किल है। लेकिन मुझे हमेशा ऐसा लगा की मुझे धोनी विराट से वो सपोर्ट कभी नहीं मिला, जो दादा से शुरू में मिला था। मुश्किलों में हमेशा दादा मेरे साथ खड़े थे।