नवरात्रि (Navratri: 2020) का त्यौहार चल रहा है ।सभी भक्तगण अपनी- अपनी सामर्थ्य अनुसार नवरात्रि का पर्व मना रहे हैं। नवरात्रि में मां के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है और कन्याओं का पूजन,भोजन एवं दक्षिणा देने के बाद यह पर्व पूरा होता है। किसी के यहां सप्तमी के दिन तो किसी के यहां अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है।
कन्या पूजन Kanya pujan का महत्व:
कन्या पूजन का बहुत ही महत्व है , इससे सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं और माता रानी प्रसन्न होती हैं। सभी शुभ कार्यों का फल प्राप्त करने के लिए कन्या पूजन किया जाता है । जिससे सम्मान, धन, वैभव और तेज की प्राप्ति होती है। विघ्न बाधाएं दूर होती हैं और शत्रुओं का नाश होता है।
कन्या पूजन के लिए 2 से 10 साल की कन्याओं को पूजने का विधान है। कन्या पूजन में 9 कन्याओं और एक कुमार की पूजा की जाती है। नौ कन्याएं जहां नौ देवी का स्वरूप माने जाते हैं वही एक कुमार, भैरव जी अथवा हनुमान जी का रूप माने जाते हैं। वैसे भी कहा जाता है कि भैरव बाबा के बिना मां का पूजन अधूरा है।
कन्या पूजन के दिन सभी कन्याओं को व कुमार को विधिवत बुलाकर उनके पांव धोकर, पैरों में रोली या कुमकुम लगाकर पूजा की जाती है और इसके बाद उनका भोग लगाकर दक्षिणा दी जाती है।
कन्या पूजन Kanya pujan शास्त्रीय महत्व:
कन्या पूजन की परंपरा बहुत प्राचीन है। शास्त्रों के अनुसार जब इंद्र ने ब्रह्मा जी से भगवती को प्रसन्न करने का उपाय पूछा तो उन्होंने कुमारी कन्याओं के पूजन को ही श्रेष्ठ बताया। तब से ही कन्या पूजन की परंपरा चली आ रही है।
कन्या पूजन का सामाजिक महत्व:
कन्या पूजन के द्वारा हम नारी शक्ति का सम्मान करते हैं और समाज को एक संदेश देते हैं कि नारी का हमेशा सम्मान करना चाहिए और पूजा करनी चाहिए। नवरात्रि के दिनों में ही नहीं, अगर आप हमेशा महिलाओं व कन्याओं का सम्मान करते हैं तो मां भगवती प्रसन्न होती हैं।
इस बार की नवरात्रि की परिस्थितियां:
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इस बार नवरात्रि में परिस्थितियां हर बार से काफी अलग हैं। इस बार कोरोनावायरस (coronavirus) की वजह से, सभी मंदिर बंद है और यहां तक कि हम सभी घर में रहने के लिए विवश हैं। ऐसे में कन्या पूजन करना, एक बहुत बड़ी चुनौती है और हम सभी के मन में जाने अनजाने यह शंका है कि इस बार नवरात्रि में कन्या पूजन कैसे किया जाए!
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इस बार कैसे करें कन्या पूजन :
अगर आपको लगता है कि इस बार कोरोना वायरस के चलते आपके घर में कन्याओं का आना कठिन है तो अधिक शंका ना करते हुए एक थाली लगाकर या आप जो देना चाहते हैं, वह जाकर गाय को खिला दें , जितना आप कन्या पूजन में खर्च करते हैं, उतनी राशि किसी जरूरतमंद को दान कर दें और माता रानी से क्षमा प्रार्थना कर लें। माना जाता है कि गाय में 33 कोटि देवी- देवता निवास करते हैं।
फिर भी यहां यह ध्यान देने वाली बात यह है कि अगर आपके घर में आपके या किसी भी सदस्य के संक्रमित होने का संदेह है तो गाय को भी न खिलाएं। इस बार माता से प्रार्थना कर क्षमा मांग लें। माता आप की विवशता अवश्य समझेंगी।
ध्यान रहे किसी को संक्रमित करके , आपको जितना पुण्य नहीं मिलेगा, उससे अधिक आप पाप के भागी बन जाएंगे । इसलिए जानबूझकर ऐसा कभी भी ना करें।