जहां देश में लॉक डाउन के चलते सिनेमा हॉल बंद है ऐसे में लोग अपने मनोरंजन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर निर्भर है। ऐसे में कई वेब सीरीज और हिंदी फिल्में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आ रही है। बीते दिनों नेटफिलक्स ने अपने प्लेटफॉर्म पर फ़िल्म हँसमुख रिलीज की है। यह फ़िल्म आप 10 एपिसोड में देख पाएंगे जो कि कुछ लंबे है यदि आप इस वेब सीरीज को एक दिन में एक साथ देखना चाहते हैं तो आपको पांच से छः घंटे इन्वेस्ट करने पड़ेंगे। वैसे इस सीरिज को और छोटा बनाया गया होता तो बेहतर होता| इस सीरीज में कॉमेडी, ड्रामा, मर्डर मिस्ट्री सब कुछ देखने को मिलेगा, लेकिन आप इससे जुड़ाव महसूस कर पाएंगे यह कहना मुश्किल है। इसमें मुख्य किरदार वीर दास का है, जिन्होंने कॉमेडियन का किरदार निभाया है|
फ़िल्म की कहानी की बात करे तो यह कहानी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के एक ऐसे आदमी की है जो स्ट्रगलर है, और गाँव के लोगो को अपने चुटकुलों से हंसाता रहता है और उसका सपना कॉमेडी चैंपियन बनने का है। यह किरदार वीरदास ने निभाया है। इसके लिए उसका बॉस उसको मौका नही दे रहा है , ऐसे में वह उसका खून कर देता है। उसके बाद वह एक लाइव शो कर के फेमस हो जाता है। तब उसकी मानसिकता ऐसी हो जाती है कि खून करना ही उसकी ताकत है, उसके बिना वह अच्छे से कॉमेडी नही कर पायेगा , अच्छे जोक नही सुना पायेगा और किसी का खून करने के बाद ही उसे स्टेज में जाने की हिम्मत मिलती है, और आत्मविश्वास आ जाता है। अब एक ट्विस्ट यह है कि हँसमुख केवल बुरे लोगों का कत्ल करता है, जो अपने स्वार्थ के लिए दूसरों का फायदा उठाते हैं।
कहानी ऐसे आगे बढ़ती है कि गांव में बैठे इस कॉमेडियन का टैलेंट शहरों तक पहुंच जाता है और वह एक बड़े कॉमेडी शो का हिस्सा बन जाता है। हँसमुख अपने साथ अपने मैनेजर को भी हर काम चाहे कॉमेडी हो या मर्डर , में साथ रखता है जिसका किरदार रणवीर शौरी ने निभाया है। अब शुरू होता है हर परफॉर्मेंस के पहले मौतों का सिलसिला। हर मर्डर के बाद हँसमुख के परफॉर्मेंस में चार चांद लग जाते हैं। अब जिस तरह से ये दोनों मिलकर हत्याएं करते हैं, इन्हें लगने लगता है ये काम उनके बाएं हाथ का है। आप का मन करेगा कि अगली सीरीज जल्दी ही निपटाई जाए लेकिन आप निराश हो जाएंगे कि अगली सीरीज में कुछ खास नही मिला। मुंबई जैसे शहर में बेख़ौफ़ होकर ये मर्डर पर मर्डर कर रहे हैं और पुलिस हत्याओं की गुत्थी निपटाने से ज्यादा बातें करने में लगे रहती है, ऐसा देखना कई जगह हास्यापद भी लगता है|
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अब अगर एक्टिंग की बात की जाए तो कहानी का पूरा ताना बाना एक कॉमेडियन को दिमाग पर रख कर लिखी गई है और आपको इसकी कमजोर पटकथा के कारण शायद ही हंसी आये । पूरी सीरीज की रीढ़ तो वीरदास ही है, लेकिन ऐसा लगता है उनके चेहरे के भाव पूरी फिल्म में बदलते ही नही, चाहे कॉमेडी हो या भय। और रणवीर शौरी ने अपने काम के साथ पूरा न्याय किया है। इस फ़िल्म के अन्य किरदार सुहैल नैयर, इनामुल हक और अमृता बागची, रवि किशन , मनोज पाहवा भी दिए गए काम के साथ ठीक ठाक अभिनय कर न्याय करते हैं।
इसका निर्देशन निखिल गोंसाल्विस ने किया है जो इस सीरीज को पूरी तरह से एंटरटेनमेंट के लिये बनाना चाहते थे तभी इस फ़िल्म में उन्होंने थ्रिल, इमोशन्स, कॉमेडी सब कुछ डाल दिया है, लेकिन फ़िल्म का कमजोर लेखन ने उनके मंसूबो पर पानी फेर दिया है।
हँसमुख मूवी आप एक कॉमेडी मूवी ना सोच एक थ्रिलर मूवी की तरह देख सकते हैं औए इस लॉक डाउन के समय में इसे देखना अच्छा टाईमपास ही है| बात यह है कि हँसमुख की स्टोरी अभी तक पूरी नही हुई है यह अगले सीरीज में पूरी होगी। सोचने वाली बात यह है कि यदि पहली सीरीज ही इतनी लंबी और उबाऊ है तो क्या दर्शक नेक्स्ट सीरीज देखना चाहेंगे? अगर बात रेटिंग की जाए तो इसे 5 में से 2.5 रेटिंग दिया जाना सही होगा।