कोरोना वायरस के कारण देशभर में 3 मई तक का लॉकडाउन चल रहा है। लोगों को ऐसे में भोजन की समस्या हो रही है। सरकार लोगों तक खाद्य पदार्थ पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। गरीब महिलाओं के खातों में रुपए डाले गए। अब सरकार पीडीएस के जरिये राशन उपलब्ध करा रही है।
लोगों में प्रोटीन की कमी न हो इसके लिए राशनकॉर्डधारियों मुफ्त दाल वितरण कर रही है। सरकार का कहना है कि देश भर के 20 करोड़ राशनकॉर्ड धारी परिवारों को मुफ्त दाल वितरण मई के पहले सप्ताह में गति पकड़ेगा।
सरकार ने कहा कि इस काम के लिए 5.88 लाख टन दलहनों की परिवहन व्यवस्था और मिलिंग का काम तेजी से चल रहा है। अधिकांश लाभार्थियों को अप्रैल में ही या मई के पहले सप्ताह तक पहले महीने का कोटा मिल जाएगा। कई राज्य पहली बार में ही तीनों महीनों के लिए दाल वितरित करने की स्थिति में हो सकते हैं। सरकार ने कहा कि जो राज्य बच जाएंगे उनमें मई में ही या अधिक से अधिक मई के तीसरे सप्ताह तक तीनों महीनों (अप्रैल, मई, जून) के लिए वितरण कार्य को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
करीब 30,000 टन दालों का वितरण
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अब तक करीब 30,000 टन दालों का वितरण किया गया है और इस काम में मई के पहले सप्ताह में और तेजी आएगी। पीएमजीएवाई के तहत दालों की मासिक आवश्यकता लगभग 1.96 लाख टन की है और पीडीएस के माध्यम से वितरण के लिए राज्यों को अब तक लगभग 1.45 लाख टन साफ की गई दाल की पेशकश की गई है।
दाल राज्यों के पास पहुंचे
कुल मासिक जरूरत में से करीब एक तिहाई दाल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा दूरदराज स्थानों तक पहुंचाई जा चुकी है जहां से उनका वितरण होगा। आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान, चंडीगढ़, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु और तेलंगाना जैसे करीब 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने वितरण करना शुरू कर दिया है।
मई में वितरण
कई अन्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखने और सार्वजनिक सुरक्षा के कारणों के लिए मई के पहले सप्ताह में खाद्यान्न वितरण के साथ दालों का वितरण करने का निर्णय लिया है।
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इनकी वितरण पर है निगरानी
मंत्रालय के अनुसार, नाफेड को इस उद्देश्य के लिए अपने 165 गोदामों में पड़ी दाल के स्टॉक का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। इस सहकारी संस्था ने अब तक 100 से अधिक दाल मिलों को अपने साथ लिया है तथा ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से मिलों का चयन कर रही है। मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट सचिव व्यक्तिगत रूप से दैनिक आधार पर वितरण की निगरानी कर रहे हैं। कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन के दौरान गरीबों को उचित मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध हो इस बात को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।