अयोध्या– वर्षों के इंतेजार के बाद अब भव्य राममंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को पंख लगने वाले है।अयोध्या को सनातन परंपरा के साथ बौद्ध, जैन, इस्लाम, सिख आदि से जुड़े स्थलों का विकास करके विश्व की सर्वोत्तम पर्यटन नगरी बनाने की योजना सरकार द्वारा बनाई गई है।
आपको बता दें कि पीएमओ में पांच साल तक प्रमुख सचिव रहे रिटायर्ड वरिष्ठ आईएएस अधिकारी नृपेंद्र मिश्र ने प्रधानमंत्री की इस इच्छा के मुताबिक तैयारी के लिए आला अधिकारियों और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों को अवगत कराया।
सर्किट हाउस में सवा घंटे तक बंद कमरे में चली बैठक के दौरान राममंदिर निर्माण की कमान संभाल रहे नृपेंद्र मिश्रा ने साफ किया कि मंदिर के डिजाइन और मॉडल को लेकर एक राय बन जाए तो इंजीनियरों की टीम इसे अंतिम रूप दे पाएगी। ट्रस्ट के द्वारा 18 जुलाई की बैठक में संभावित तिथि तय करके आग्रह पत्र भेजा जा सकता है। सूत्रों की मानें तो यह तिथि रक्षाबंधन या पूर्णिमा हो सकती है।
इस मीटिंग में अयोध्या के सांस्कृतिक विकास की योजना बनाकर प्रधानमंत्री के समक्ष रखने के लिए संस्कृति मंत्रालय की ओर से जो रिपोर्ट तैयार की गई है उस पर चर्चा की गई। इसमें अयोध्या की पवित्र भूमि का महत्व विश्व के 120 देशों में सामने आया है। खासकर मुस्लिम देश इंडोनेशिया के लोग भगवान राम को अपना पूर्वज मानते हैं, जबकि कोरिया गणराज्य की रानी अयोध्या की राजकुमारी थीं, इन्हें नमन करने कोरिया से साल में दो बार मंत्री समूह और दूतावास समेत राज परिवार के लोग आते जाते हैं। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि श्री राम और अयोध्या का विश्व में कितना अधिक महत्व है।
नृपेंद्र मिश्र ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा है कि अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को भव्यता देते हुए यहां रोड और हवाई कनेक्टिविटी विश्व स्तर की होगी। अयोध्या का विस्तारीकरण भव्य होगा, अब इसके लिए सुनियोजित प्लान बनाना होगा। सूत्रों के अनुसार बैठक में विश्व भर के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए हर स्तर की प्लानिंग का सुझाव भी नृपेंद्र मिश्र के द्वारा दिया गया। इसके लिए कॉरपोरेट घरानों की सहभागिता पर भी चर्चा हुई।
अयोध्या के विस्तारीकरण की जानकारी देते हुए बताया गया कि अयोध्या विकास प्राधिकरण का दायरा काफी बढ़ा दिया गया है। इसमें अब अयोध्या नगर निगम के साथ जिले की भदरसा नगर पंचायत और 155 गांव शामिल कर लिए गये हैं जबकि गोंडा के नवाबगंज नगर पालिका क्षेत्र समेत 60 गांव भी शामिल कर लिए गये हैं।
इसके साथ ही अयोध्या से सटे बस्ती जिले के 90 गांव भी अयोध्या के समग्र विकास के साथ जुड़ गये हैं। यहां अमृत योजना के तहत जियोलॉजिकल सर्वे किया जा रहा है। होटल-रिसोर्ट के साथ सभी पौराणिक स्थल और भवन विकसित किए जाने की योजना है। फैजाबाद हवाई अड्डा को इंटरनेशनल श्री राम एयरपोर्ट बनाने के लिए भूमि का अधिग्रहण अंतिम दौर में है।
बताते चलें कि अयोध्या से वाराणसी, सुल्तानपुर, रायबरेली, प्रयागराज के लिए फोर लेन सड़क की योजना बनाई गई है। गुप्तारघाट से सरयू पुल और सरयू पुल से गोंडा व बस्ती हाईवे पुल तक विशेष व्यवस्था होगी। अयोध्या व फैजाबाद के संपर्क मार्गों को फोरलेन करके चौड़ीकरण किया जाना है, जहां लोगों के व्यवसायिक भवन और मकान ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है, वहां एलिवेटेड रोड का प्लान बनाया गया है। पंचकोसी और 14 कोसी परिक्रमा मार्ग का चौड़ीकरण होना है, साथ ही यात्री सुविधाएं विकसित होनी है। मिश्र ने इन सभी योजनाओं का खाका तैयार करने संबंधी चर्चा भी की।
तो वहीं जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कि 18 को प्रस्तावित बैठक में श्री राम जन्मभूमि परिसर के समतलीकरण से लेकर अब तक की हुई तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री के आने पर राममंदिर के साथ अयोध्या के समग्र विकास की कई योजनाएं सामने आएगी।